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केंद्रीय जल आयोग

(1945 से राष्ट्र की सेवा में)

उद्देश्य और भूमिकाएँ

राष्ट्रीय जल अकादमी की परिकल्पना जल संसाधन अभियान्त्रिक कार्मिकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए 'उत्कृष्टता के केंद्र' के रूप में कार्य करने के लिए की गई है | राष्ट्रीय जल अकादमी का व्यापक उद्देश्य इस प्रकार है :

  • केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के समूह 'क' और 'ख' के अधिकारियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम का आयोजन |
  • केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों (मुख्य अभियंता / प्रमुख अभियंता / सचिव) के लाभ के लिए जल संसाधन विकास / विशेष क्षेत्रों के प्रमुख मुद्दों पर राष्ट्रीय / क्षेत्रीय सेमिनार एवं कार्यशालाओं की व्यवस्था करना |
  • केन्द्र और राज्य सरकार संगठनों और उनके प्रशिक्षण संस्थानों को उनकी विशिष्ट प्रशिक्षण की आश्यकता पर सहायता प्रदान करना |
  • भारत में अग्रणी संस्थानों और विदेशों में जल संसाधन क्षेत्र में प्रशिक्षण से संबंधित गतिविधियों के कार्यान्वन के साथ विशेषज्ञता साझा करने के लिए संबंधों को बनाए रखना और विकसित करना |
  • संरचनात्मक विश्लेषण और डिजाइन के उन्नत तरीकों से प्रशिक्षण का संचालन करना |
  • जल संसाधनों में भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) जैसे नए उभरते प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण मॉड्यूल / व्यष्टि अध्ययन का विकास एवं प्रयोग करना |
  • केंद्रीय जल अभियान्त्रिकी (समूह 'क') सेवाओं के नव नियुक्त सहायक निदेशकों / सहायक कार्यकारी अभियंताओं के लिए प्रवेशण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना |
  • केंद्रीय जल आयोग के नवनियुक्त / समूह 'ख' में पदोन्नत अभियान्त्रिकी अधिकारियों के लिए प्रवेशण / उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना |
  • केन्द्रीय जल अभियान्त्रिकी सेवाओं के समूह 'ख' से समूह 'क' में पदोन्नत अधिकारियों के लिए पुन: अभिविन्यास पाठ्यक्रम का आयोजन करना
  • राज्य जल संसाधन विभाग / केंद्रीय एजेंसियों के नवनियुक्त समूह 'ख' / समूह 'क' के अधिकारियों के लिए उनके अनुरोध पर प्रवेशण प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना जहां इस तरह के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं |